भूत की डरावनी कहानी 2022 हिन्दी मे

Bhoot ki Darawani Kahani In Hindi

स्वागत है आप्का नई भूत की डरावनी कहानी नई मे । आज ह्म भूत की डरावनी कहानी 2022 बतानॆ ज रहे है | अगर आपको एसी हि और देखनी है , तो हमारी bhoot ki darawani kahani hindi अन्य पोस्त जरुर देखिएगा आपको निस्चित हि पसन्द आयेगा।

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इस Bhoot ki Darawani Kahani In Hindi ( भूत की डरावनी कहानी नई ) लेख में चित्रित कहानी, सभी नाम, पात्र और घटनाएं काल्पनिक (may be) हैं। वास्तविक व्यक्तियों (जीवित या मृत), स्थानों, इमारतों और उत्पादों के साथ कोई पहचान का इरादा नहीं है या अनुमान लगाया जाना चाहिए।

Bhoot ki 4 Darawani Kahani In Hindi

  • भूत की सबसे डरावनी कहानिया-१ सुधारग्रह की डरावनी कहानी
  • भूत की सबसे डरावनी कहानिया-२ लखनऊ कि डरावनी कहानी
  • भूत की सबसे डरावनी कहानिया-३ घर में भूत
  • भूत की सबसे डरावनी कहानिया-४ बेरी पोमेरॉय कैसल

सुधारग्रह की डरावनी कहानी


भूत की डरावनी कहानी नई-१। हर इंसान के दिमाग में इस पृथ्‍वी पर भूतों और आत्‍माओं के वास करने जैसे सवाल उठते रहते है। इस दुनिया में कई ऐसे लोग भी हैं जो कि गाहे बगाहे इन रूहो और आत्‍माओं से दो चार भी हो जाते हैं और उन्‍हे किसी अलग तरह की अनुभूति भी होती है। लेकिन कभी-कभी इंसान अपने आस-पास की किसी खास जगह के लिए अपने दिमाग में एक बात बैठा लेता है कि उस जगह पर भूत, आत्‍मा या किसी रूह का वास है।

हम आपको उसी तरह की कुछ बातें बताएंगे और दुनिया भर के सबसे ज्‍यादा डरावनी जगहों की सैर करांएगे। यह एक सीरीज होगी जिसमें आपको रोजाना आपको एक अलग जगह के बारे में बताया जायेगा। आईऐ तैयार हो जाईये एक रोमांचकारी सफर के लिए। आज हम आपको संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका के एक शहर लुईसविला शहर के एक ऐतिहासिक और मौत के अस्‍पताल वैवरले हिल्‍स की कहानी बताएंगे।

यह अस्‍पताल एक ऐसा अस्‍पताल है जिसे लोगों के इलाज के लिए शुरू किया गया और जो कि लोगों की मौत की वजह बन गया और आज अस्‍पताल के भवन में आप आसानी से उन मौतों को महसूस कर सकते है।

वैवरले हिल्‍स एक ऐसी इमारत है जो कि लोगों के लिए सदैव कौतूहल का विषय बनी रही। वैवरले हिल्‍स को सन 1883 में एक अमेरिकी नागरिक मेजर थामस एच हेज के द्वारा बनवाया गया था। मेजर थामस ने अपने बेटी के लिए एक व्‍यक्तिगत स्‍कूल का इस ईमारत में शुरू किया था। इस स्‍कूल की शिक्षक लेसी ली हेरिस थी और वहीं उस बच्‍ची को पढ़ाती थी। भूत की डरावनी कहानी नई ।

चूकि लेसी ली हेरिस वैवरले नाम की एक उपन्‍यास को उस बच्‍ची को बहुत पढ़ाती थी जो कि मेजर थामस को बहुत पसंद था। इसी वजह से मेजर अपने इस घर को वैवरले हिल्‍स कहते थे। और आज भी यह इमारत इसी नाम से जाना जाता है।

*** इमारत का इतिहास *** हेज परिवार के बाद इस इमारत को बन्‍द कर दिया गया था यह इमारत उस घाटी में सबसे बड़ी इमारत थी। उसके बाद सन 1908 में इस इमारत को दूबारा शुरू किया गया और इस इमारत में लोगों के इलाज के लिए एक अस्‍पताल की शुरूआत की गयी। सन 1900 के आस-पास अमेरिका में एक विचित्र बिमारी जिसे उस समय सफेद मौत के नाम से जाना जाता था यानी की तपेदिक (typhoid)से बुरी तरह से ग्रस्‍त था।

सन 1924 में वैवरले हिल्‍स को इस बिमारी से लड़ने के लिए चुना गया। इस दौरान हजारों की तादात में तपेदिक के मरीजों को यह भर्ती किया जाने लगा। इस इमारत को अस्‍पताल के तौर पर चुनने के कारण यहां का वातावरण था लोगो का मानना था कि उचांई पर होने के क‍ारण यह जगह मरीजों के ठिक होने में मदद करेगी।

उस समय यह अस्‍पताल दुनिया भर में तपेदिक रोग के लिए सबसे बेहतर अस्‍पताल माना जाता था। इस अस्‍पताल में उस समय की सबसे बेहतर तकनिकी भी उपलब्‍ध थी। मरीजों को सूर्य के पैराबैगनी किरणो से भी इलाज किया जाता था। मौत से बचने के लिए दुनिया भर से हजारों की संख्‍या में इस अस्‍पताल में मरीजों की भर्ती कर ली गयी थी, लेकिन मौत से बचने के लिए आये इन मरीजों में से रोजाना सैकड़ो की मौत भी हो जाती थी। भूत की डरावनी कहानी नई ।

यही मौतें इस अस्‍पताल में रूहो का वास बनकर उभर गयी। इस अस्‍पताल में रोजाना हो रही मौतों के कारण रोजाना हजारों लाशे अस्‍पताल में तैयार हो जाती थीं। इन लाशों को कोई भी कहीं लेकर नहीं जाना चाहता था ताकि यह बिमारी और उग्र रूप न धर सके।

इसके लिए अस्‍पताल में ही एक लम्‍बी सुरंग का निर्माण कराया गया। इस सुरंग के दरवाजे पर लाशों को टांग दिया जाता था और एक छोटी रेलगाड़ी (जैसा कि आजकल कोयले के खानों में प्रयोग किया जाता है) आती थी और लाशे उस पर गिर जाती थी और वो गाड़ी लाशों को ले जाकर अस्‍पताल के पिछले हिस्‍से में गिरा देती थी।

इस इमारत की दिवारों में भी मौत का वास हो गया था और ऐसा माना जाता है कि आज भी उन मरीजों की चिखों को इस इमारत की दिवारों में आसानी से सुना जा सकता है।

इस अस्‍पताल में जो सुरंग लाशों को ढोने के लिए बनायी गयी थी वो लगभग 500 फिट लम्‍बी थी और एक तरफ जिन्‍दगी और एक तरफ हजारों लाशों का ढे़र। इस सुरंग में आज भी रूहो और आत्‍माओं को आसानी से महसूस किया जा सकता है। भूत की डरावनी कहानी नई ।

*** आज भी यहां रूहों का बसेरा *** इस अस्‍पताल में कई बार प्रत्‍यक्षदर्शियों द्वारा भूतों या साया को देखा गया है इस इमारत के बारे में लोगों का मानना है कि यहां उस सुरंग के दिवार के बाहर से यदि कोई गुजरे तो उसे आज भी लाशों की बदबू और किसी अनजाने से डर से रूबरू होना पड़ सकता है। इस इमारत के अन्‍दर एक बच्‍चा जो कि हाथ में एक गेंद लिए हुए हो और उसके चेहरे से खून रिस रहा हो लोगों को कई बार देखने को मिला है।

इस इमारत के पांचवी मंजील के बारे में भी लोगों में कई किवदंतिया मशहूर हैं। पांचवी मंजिल का कमरा नम्‍बर 502 इस इमारत की दूसरी सबसे डरावनी और खौफनाक जगह है। इस कमरे की कहानी भी कम रोचक नहीं है। ऐसा बताया जाता है क‍ि जब इस अस्‍पताल में इलाज किया जा रहा था उस वक्‍त इस पांचवी मंजिल के कमरा नंबर 502 में एक नर्स ने रात में खुद को फांसी लगा ली थी।

उस नर्स की उर्म 29 साल थी और वो अविवाहीत थी उसके कुछ ही दिनों बाद ही एक और नर्स ने उसी कमरे में खुद को फांसी लगाकर आत्‍महत्‍या कर ली। उसके बाद से ही उस कमरे में कोई भी जाने से घबराता था और सप्‍ताह भर के अंदर ही उस कमरे में भर्ती सभी 29 मरीजों की मौत हो गयी। आज भी उस कमरे में उन दोनों नर्सो को कभी-कभी आपस में बातें करते हुए महसूस किया गया है। इस ईमारत में इस तरह के साया या भूतों के होने के बारे में कई बार पुष्टि की गयी। भूत की डरावनी कहानी नई ।

इस क्रम में घोस्‍ट हंटर्स सोसायटी ने भी एक बार जांच पड़ताल की उनका भी मानना है कि उन्‍होने इमारत में कई जगह‍ कैमरों को लगाया था जो कि बाद में पता चला कि इस इमारत में कई जगहों पर अपने आप रौशनी या धुआ निकलता है इसके अलांवा भयानक छाया आदी भी देखने को मिलती है। कई साल तक यह इमारत बंद पड़ी रही। अब इस इमारत को लोगों को दिखाने के लिए खोल दिया गया है।

इस इमारत में अब लोग प्रायोगिक रूप से भूतों और रूहों को महसूस करने के लिए आते है। इस बारे में कई लोगों ने अपनी राय वयक्‍त की है और उनका कहना है कि उस इमारत में उन्‍होने बुरी शक्तियों को महसूस किया है।

इस इमारत की सैर के लिए आपको कुछ खास नियमों का भी पालन करना होगा जैसे कि इमारत के प्रबंधन के द्वारा बताए गये क्षेत्रों में ही आप प्रवेश कर सकते है इसके अलांवा अन्‍य जगहो पर लोगों के जाने की मनाही है। भूत की डरावनी कहानी नई ।

*** कैसे कर सकते है सैर वैवरले हिल्‍स की *** इस इमारत को घूमने और जिन्‍दगी में एक अलग तरह के अनुभव के लिए आप या तो सीधे टिकट प्राप्‍त कर सकते है या फिर यह आपको आनलाईन भी उपलब्‍ध है। आनलाईन आपको अपनी पुरी जानकारी देकर अपनी टिकट बुक करा सकते है। इमारत में घूमने का समय और टिकट के दाम। हाल्‍फ नाईट (इमारत में आधी रात) 4 घंटे 50 डालर, फुल नाईट ( इमारत में पुरी रात ) 8 घंटे 100 डालर।


लखनऊ कि डरावनी कहानी

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भूत की डरावनी कहानी नई-2। अगर आप लखनऊ में हैं और बात अगर भूत, प्रेत व आत्माओं की आ जाये, तो बेलीगारद यानी रेजीडेंसी का नाम जुबां पर जरूर आ जायेगा। जी हां ऐसा इसलिये क्योंकि एक समय था, जब शाम ढलते ही इस जगह पर लोग जाने तक से डरते थे। खास बात यह है कि बेलीगारद उस रास्ते पर स्थ‍ित है, जो पुराने लखनऊ को नये लखनऊ से कनेक्ट करता है।

एक समय था, जब हजरतगंज में रहने वाले लोग रात को पुराने लखनऊ की तरफ जाने से डरते थे, कारण था बेलीगारद। रोंगटे खड़े करने वाली एक सच्ची कहानी बात 1971 की है, जब लखनऊ विश्वविद्यालय के लाल बहादुर शास्त्र हॉस्टल में पढ़ने वाले तीन दोस्तों के बीच शर्त लगी कि किसमें इतनी हिम्मत है, जो रेजीडेंसी के अंदर रात बिता सके। यहां अकेली रात बिताना हर किसी के बस की बात नहीं, क्योंकि यहां वो कब्रिस्तान है, जिसमें 1857 की जंग में मारे गये अंग्रेजों को दफनाया गया था।

सभी कब्रों पर एक-एक पत्थर लगा है और पत्थरों पर मरने वाले का नाम। खैर उन दोस्तों में से एक ने हिम्मत दिखाई और शर्त कबूल कर ली। अगले दिन सफेद रंग के कुर्ते पैजामे में तीनों दोस्त विश्वविद्यालय से निकले और नदवा कॉलेज और पक्का पुल के रास्ते से होते हुए रेजीडेंसी पहुंचे। रात के करीब 11 बजे थे, सन्नाटा छाया हुआ था। अधपक्की सड़क पर महज एक दो इक्के (पुराने जमाने में चलने वाले तांगे) ही नजर आ रहे थे।

तीनों दोस्त बेलीगारद के अंदर पहुंचे। उन दिनों बेलीगारद के चारों ओर बाउंड्री वॉल टूटी हुई थी, कोई भी आसानी से अंदर जा सकता था। रात के बारह बजते ही तीन में से दो उठे और बोले, ठीक है, दोस्त हम चलते हैं, सुबह मिलेंगे। अपने दोस्त को सूनसान कब्रिस्तान में अकेला छोड़कर दोनों चले आये।

[हॉन्टेड हाउस] सभी के होश फाख्ता हो गये दूसरे दिन दूसरे दिन सुबह उठते ही जब दोनों दोस्त रेजीडेंसी पहुंचे, तो वहां दोस्त नहीं, उसकी लाश मिली। पुलिस के डर से दोनों फरार हो गये। बाद में पुलिस ने रेजीडेंसी पहुंच कर युवक की लाश को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दी। भूत की डरावनी कहानी नई ।

पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट में पता चला कि युवक की मौत हार्ट अटैक से हुई। हार्ट अटैक की वजह वो डर बताया गया, जिसका सामना भूत के साय में वह उस रात कब्रिस्तान में नहीं कर पाया। रात को आज भी कोई नहीं जाता लखनऊ में शहीद स्मारक के सामने एक टूटा हुआ पुराना किला है। इस किले को 1857 में अंग्रेजों ने नेत्सनाबूत कर दिया था।

उस वक्त हजारों की संख्या में भारतीय मारे गये थे और सैंकड़ों अंग्रेज भी। मारे गये अंग्रेजों को इसी रेजीडेंसी में दफना दिया गया था।

रात को इसके अंदर जाने से आज भी लोग डरते हैं। रास्ते में मिलता था भूत आस-पास रहने वाले लोग बताते हैं कि एक समय था, जब कोई इसके सामने से गुजरता था, उसे एक अजीब सा आदमी रास्ते में मिलता और रोक कर माचिस मांगता।

अगर माचिस या बीड़ी दे दी, तो वह उसके पीछे पड़ जाता था। वो और कोई नहीं बल्क‍ि प्रेत हुआ करता था। जो कुछ दूर जाते ही ओझल हो जाता था। सफेद पोषाक में प्रेत, मारो काटो की आवाजें उसी दौर की बात है, जब रेजीडेंसी के पास से गुजरने पर मारो-काटो की आवाजें सुनायी देती थीं।

अक्सर वहां पेड़ों पर सफेद पोशाक में प्रेत लटकते हुए दिखाई देते थे। अक्सर बेलीगारद के पीछे लाशें पायी जाती थीं। वक्त बदला पर डर नहीं हालांकि अब समय बदल गया है। सरकार ने बेलीगारद को संरक्ष‍ित करते हुए चारों तरफ बाउंड्री वॉल ख‍िंचवादी और लाइट की व्यवस्था कर दी। अब यह रोड रात भर चलती है। तमाम रौशनी और लाइट के बावजूद लोग इस कब्रिस्तान के अंदर जाने से आज भी डरते हैं।

क्या बताते हैं पुराने लोग बेलीगारद के बारे में दो कहानियां लखनऊ के चौक इलाके में रहने वाले 89 वर्षीय फरहद अंसारी से बातचीत पर आधारित है।

फरहद आपने जो पढ़ा उसपर शायद आपको विश्वास नहीं हुआ होगा, लेकिन फरहद अंसारी ने जो अंत में बताया, उसे पढ़ने के बाद आप इन घटनाओं पर यकीन जरूर कर लेंगे। कौन था वो जो मांगता था बीड़ी बेलीगारद के सामने सूनसान अंधेरी सड़क पर आधी रात को बीड़ी मांगने वाले और कोई नहीं स्थानीय लुटेरे हुआ करते थे।

80 के दशक में जब पुलिस ने अभ‍ियान चलाया तो दो दर्जन से ज्यादा लोगों को पकड़ा, जो रात को लोगों को डरा कर उन्हें लूट लिया करते थे। कैसे हुई थी 1971 में जब युवक की मौत फरहद के अनुसार- दो दोस्त अपने जिग्री यार को कब्रिस्तान में घास पर बैठा अकेला छोड़कर चले गये तब, उसके कुछ ही देर बाद जब वो उठा, तो पाया कि किसी ने उसे पीछे से पकड़ा हुआ है।

वो डर गया और हार्ट अटैक से मौत हो गई। सुबह पुलिस ने देखा जमीन में एक कील गड़ी हुई थी, जिसमें उसका कुर्ता फंसा हुआ था। यह कील किसी और ने नहीं उसी के दोस्तों ने जाने से पहले कुर्ते के ऊपर से जमीन में गाड़ी थी।

सफेद कपड़ों में प्रेतों का राज बाकी सफेद कपड़ों में पेड़ पर लटके प्रेतों के बारे में फरहद बताते हैं कि पास में बलरामपुर अस्पताल है, जहां हड्डी रोग विभाग से जब कटने के बाद प्लास्टर निकलता था तो लोग मजा लूटने के लिये पेड़ों पर लटका दिया करते थे। भूत की डरावनी कहानी नई ।

लाशें पाये जाने का राज रही बात बेलीगारद में लाशें पाये जाने की, तो उसके ठीक पीछे बलरामपुर अस्पताल की मर्चरी है। वहां से निकलने वाली लावारिस लाशें अक्सर वहीं फेंक दी जाती थीं।

बाद में पुलिस ने पहरा बढ़ा दिया, तो लाशें फेंकने का सिलसिला बंद हो गया। सुबह में रेजीडेंसी भूत प्रेत होता है या नहीं इसका जवाब हमारे पास नहीं है। लेकिन हां ऐसी तमाम कहानियों की वजह से बेलीगारद रात के सन्नाटों में हॉन्टेड प्लेस बन जाती है। लेकिन सुबह की सैर के लिये लखनऊ में इससे अच्छी कोई जगह नहीं।


भूत की डरावनी कहानी 2022 -घर में भूत


भूत की नई डरावनी कहानी -३ । यह सुनकर आपकों थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा, लेकिन यह सच है। इस दुनिया में एक ऐसी भी जगह है जहां एक घर जो कि अपने ही निर्माण कराने वालें लोगों की मौत का गवाह बना खड़ा है। इन मौतों को हुए बहुत समय बीत गया लेकिन उन लोगों को उनके घर में, कमरों में आज भी देखा जाता है।

इस घर में किसी की मौत अपने आप हुयी तो किसी ने बिमारी के चलते जान गवाई लेकिन सभी लोग इसी घर में मरें। आज हम आपकों अपने इस लेख में यूएसए के एक ऐसे घर के बारें में बताएंगे जो अमेरिका सबसे डरावना घर कहा जाता है जिसका नाम है वैले हाउस। वैले हाउस जहां आज भी वैले परिवार जो कि अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनकी रूहें आज भी इस घर में अपना बसेरा किये हुए है।

आज इस इक्‍कीसवीं शताब्‍दी जिस समय दुनिया विज्ञान के बल बुते इतना आगे हो गयी है जो कि इंसान को सबकुछ करने की शक्‍ती देती हैं। लेकिन दुनिया में एक ऐसी भी शक्‍ती है जहां इंसान और उसका विज्ञान दोनों ही घुटने देक देतें है वो है मौत, और रूहों की दुनिया। दुनिया भर में कई लोंगों ने इन रूहों से रूबरू होने की बात को स्‍वीकार किया है लेकिन बहुत से ऐसे भी लोग है जो इन बातों में विश्‍वास नहीं करते है।

ऐसे लोगों के लिए किसी ने सिर्फ एक बात कही है कि, इसे वही मान सकते है जो दुनिया में अपनी जिंदगी को होने को मानते है। मतलब यह कि जब आप खुद इनसे रूबरू होंगे तभी इन बातों पर विश्‍वास कर पायेंगे। इसके अलांवा कुछ लोग डर के कारण इन बातों पर विश्‍वास नहीं करना चाहतें है। तो आइए एक बार अमेरिका के उस वैले परिवार और उस खौफनाक घर के बारें में जानतें है। भूत की डरावनी कहानी नई।

*** वैले हाउस *** वैले हाउस कों थामस वैले में सन 1857 में बनवाया था। वैले हाउस एक ऐसा घर था जो कि पुराने सैन डिएगों कैलिर्फोनिया में एकांत में बनवाया गया था। इस मकान को थामस वैले ने खुद डिजाइन किया था, और उस समय 10,000 डालर का खर्चा इस मकान पर किया था। वैले हाउस काफी बड़ा मकान है इसमें उस समय की आधुनिक सुख सुवधिओं की पुरी व्‍यवस्‍था की गयी थी।

*** वैले परिवार *** वैले हाउस कों थामस वैले में सन 1857 में बनवाया था, थामस वैले का जन्‍म अमेरिका के न्‍यूयार्क शहर में सन 1823 में हुआ था। थामस कुछ दिन न्‍यूयार्क में रहकर वापस सैन डियोंगों में आकर बस गये थे और वहीं पर उन्‍होने अपने वैले हाउस का निर्माण कराया था। उस समय उनके साथ उनक पत्‍नी और तीन बच्‍चें भी इस घर में रहने के लिए आयें थे।

*** वैले हाउस में हादसें *** वैले हाउस में हादसों की शुरूआत वैले के 18 महीने के बेटे जूनीयर थामस के मौत से हुयी। थामस अभी 18 महिने का ही हुआ था कि उसे तेज ज्‍वर ने अपने कब्‍जे में ले लिया और उसकी मौत हो गयी। आपकों बतां दे कि वैले परिवार के इस घर में आने से पहले ही थामस मानते थे कि इस घर पर रूहों का कब्‍जा है। भूत की डरावनी कहानी नई।

ऐसा बताया जाता है कि जिस साल उन्‍होने इस घर को बनवाना शुरू किया था उसी वर्ष एक व्‍यक्ति ने फांसी लगाकर जान दे दी थी, और उसकी आत्‍मा आज भी मकान के इर्दगिर्द घुमती रहती है। बेटे की मौत के बाद इस परिवार में कुछ सालों के बाद दो और बेटियों का जन्‍म हुआ। उसके कुछ सालों के बाद थामस की पत्‍नी की भी बिमारी के चलते मौत हो गयी। थामस के बडे बेटे ने वायलेट वैले ने जार्ज टी बर्टो नाम की लडकी से शादी कर ली

। शादी के कुछ दिनों बाद ही दोनों में तलाक हो गया और वायलट यह सदमा वर्दाश्‍त न कर सका और उसने अपने कमरे में खुद को सीने में गोली मार कर आत्‍मत्‍या कर ली। वहीं थामस की दूसरी बेटी अन्‍ना आलिया ने जान ट्वेल्‍थी से शादी की थी। जो कि उसी घर में रहा करता था, घर में पहले से मौजूद रूह ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था और एक एक करके थामस परिवार पर अपना कहर ढाह रही थी। इसी बीच सन जॉन की भी बिमारी के चलते मौत हो गयी। भूत की डरावनी कहानी नई।

मौतों का जो ये सिलसिला शुरू हुआ तो सन 1961 तक चलता रहा और एक एक कर इस घर के सभी सदस्‍यों की मौत हो गयी। *** घर में घुमतें मुर्दे *** वैले हाउस जो कि अपने ही बनाने वालों की मौत की वजह बन गया इसके कारण इस मकान को कोई भी खरीदने के लिए तैयार नहीं होता था। लोगों का मानना था कि जो भी इस मकान को खरीदेगा या इसमें रहेगा उसे भी ऐ रूहें मौत दे देगी। आज भी इस मकान में थामस को उसके कमरे में चहल कदमी करते महसूस किया जाता है।

सबसे खैफनाक मंजर तो वो होता है जब आलिया अपने कमरें में अपने बालों को सवांरती है, उस समय उसकी छाया साफ तौर पर आइने में देखी जा सकती है। वहीं कुछ लोगों ने घर के पिछे वालें कमरें में अन्‍य सदस्‍यों के भी होने का आभास किया जाता है। इस घर को सरकार ने अब अपने कब्‍जे में ले लिया है। इस घर में एक घोस्‍ट हंटर्स ने अपना रिर्सच किया था।

उस रिसर्च की टीम में शामिल एक व्‍यक्ति ने बताया कि जब वो इस घर में प्रवेश कर रहा था उसी समय रात के 1 बज रहे थे और चारों तरफ भयानक अधेरा था। जब वो घर के अंदर पहले कमरे में दाखिल हुआ तो उसे लगा कि कोई महिला जो कि अपने हाथों में कुछ लिए हुए है और अन्‍दर के कमरें की दरवाजें की तरफ जा रही है।

जब उस व्‍यक्ति ने उसे पुकारा तो वो पिछे मुडी उस समय उसके बालों से उसका पुरा चेहरा ढका था और हाथों में एक कंघी की जैसी कोई चीज थी। उस समय जब टीम के उस सदस्‍य ने उस पर टार्च की लाईट दी तो वो उस दरवाजें में समा गयी। इसके अलांवा वैले हाउस में वायलट का कमरे में जब वो गया तो उसे महसूस हुआ कि कोई उसके पिछे पिछे आ रहा है और जब उसने पिछे पलट कर देखा तो वैले का पुरा परिवार उसके पिछे खडा था।

इतना देखकर वो जल्‍दी से वायलट के कमरे में घुस गया जहां एक आराम कुर्सी थी जो कि अपने आप हिल रही थी। जब वो कुर्सी के पास गया तो उसने देखा की कतरे की खिड़की जिस पर शीशें लगे हुऐ थे उस शीशें कोई अंदर देख रहा था।

उसी वक्‍त वो सदस्‍य दौड़कर खिड़की के पास पहुंचा तो वो साया जो कि खिडकी से झांक रही थी वो नीचे कुद गयी। उसके बाद उसने खिड़की के शीशें पर गौर किया तो उसे लगा कि शीशें पर जैसे ताजें खून के धब्‍बे लगें थे। वैल हाउस में रहने वाले जिनकी मौत हो गयी वो अब इस दुनिया में इंसानी रूप में नही है लेकिन उनकी रूहे आज भी वैले हाउस को छोड़ नही पायी है। भूत की डरावनी कहानी नई।

आप भी आज उन रूहों को आसानी से महसूस कर सकते है। बस जरूरत है थोडे से हिम्‍मत और इच्‍छा की। वैले हाउस को सरकार ने एक म्‍यूजीयम के तौर पर शुरू कर दिया है। आज बहुत से लोग वैले हाउस में जाकर थामस वैले के परिवार को महसूस करतें है। लेकिन सरकार ने मकान के कुछ हिस्‍सों को प्रतिबंधित कर दिया है।


 बेरी पोमेरॉय कैसल


भूत की नई डरावनी कहानी४ । दुनिया में हम अपने वर्तमान और भविष्‍य को बदल सकते है, लेकिन जो हमारा भूत होता है, या जिसे हम अति‍त कहतें है उसे बस याद किया जा सकता है, या‍ फिर दोहराया जा सकता है।

जहां तक बात की जाये अतित की तो वो, एक ऐसा समय होता है जो, अच्‍छा हुआ तो हम उसे बार बार याद करना या उसे दोहराना चाहते है लेकिन यदि वो समय बुरा था तो उसे याद करने मात्र से सही हमारी रूह कांप जाती है। रूह आखिर क्‍या हो सकती है। इसके बारें में हमने आपकों अपने पूर्व के लेखों में भी बताया है।

लेकिन दुनिया में कुछ ऐसी अकांक्षाए और शक्तियां होती है, जिसके आगे भगवान, और समय भी ठहर जाता है। आपके दिमाग में ये बात हमेशा आती होगी कि जब जीव को केवल अपना समय ही पुरा करना होता है तो हमारे लेखों में वर्णीत रूहों जो कि सैकड़ो सालों से उनके होने का आभास किया जाता है, वो आखिर कैसे हो सकती है।

इसका कुछ स्‍पष्‍ट कारण खोज पाना शायद मुश्‍कल होगा, लेकिन असंभव नहीं। जिस तरह सूर्य चाहें अपनी रौशनी पर कितना भी इतराए लेकिन उसे भी अंधेरे की उतनी ही जरूरत होती है। कुछ ऐसी शक्तियां जिन्‍हे हम केवल महसूस कर सकते है या जिन्‍हे स्‍पष्‍ट रूप से देखा नहीं जा सकता वो भी इचछाए रखती है।

जैसा कि हमारे धार्मिक पुस्‍तकों में यह वर्णन किया गया है कि इस मृत्‍युलोक में किसी भी जीव, जंतु या भातिक सुख साधन से उतना मोह नहीं करना चाहिए कि हमे अपने जीवन की परवाह भी न रहें यह बिलकुल सत्‍य है। दुनिया में उसी जीव की आत्‍मा अपने, योनी से अलग होकर दुनिया में अपनी उस लगाव वाले, व्‍यक्ति, जगह, या फिर अपनी इच्‍छापूर्ति के लिए विचरण करती रहती है।

इन दीर्घ इच्‍छा वाली रूहों के सामने भगवान भी अपने नियम में परिवर्तन कर देंते है, और वो एक अहसास बनकर दुनिया में घुमती रहती है। अभी तक आपने इस सीरीज में दुनिया के बहुत से खौफनाक जगहों की सैर की, जहां रूहों का आज भी कब्‍जा है। आज हम आपकों दुनिया के एक ऐसा किले के बारें में बताऐंगे, जहां आज भी दो औरते मौत के सैकड़ो सालो बाद भी पुरे किले में अपना कब्‍जा जमाए हुए है।

*** बेरी पोमेरॉय कैसल (किला) *** बेरी पोमेरॉय कैसल का निर्माण तेरहवी शताब्‍दी के अंत में हेनरी पेमोरॉय द्वारा कराया गया, इन्‍होने ही इसका निर्माण शुरू किया जो कि कई वर्षो तक चलता रहा और इनकी मौत के बाद यह किला बनकर तैयार हुआ। यह किला इंगलैंड में बनवाया गया है।

चारो तरफ से मजबूत दिवारों से ढका और इस किले के बीच में दो टावर वनवाए गये है। इस किले की जमीन को उस समय के इंगलैंड के तत्‍कालिन राजा विलियम ने राल्‍फ डे पेमोरॉय को उनके वफादारी और जंग के समय सहयोग करने के लिए तोहफे में दिया था। इस किले में लगभग 500 वर्षो तक पोमेरॉय परिवार रहा उसके बाद, सन 1540 में इस किले को उस समय के प्रभावशाली एडवर्ड शेमौर ने खरीद लिया।

एडवर्ड शेमौर हेनरी अष्‍ठम की पत्‍नी जेन शेमौर का भाई था। एडवर्ड भगवान को मानने वाला था, और भगवान के मानने वालों की रक्षा के लिए सदैव तत्‍पर रहता था। इसके कारण एडवर्ड ने दुनिया में बहुत से दुश्‍मन भी बना लिए थे। 1549 में एडवर्ड को उसके पद से हटा दिया गया और उसे टावर ऑफ लंदन में कैद कर दिया गया। इस दौरान उसे भयानक यातनाएं भी दी गयी।

एडवर्ड पर उस समय 29 मामलो में आपरोपित घोषित किया गया था, जिसके बाद 22 जनवरी 1952 को उसे मौत की सजा दे दी गयी और उसका बेरहमी से कत्‍ल कर दिया गया। उसके बाद से इस किले पर इंग्‍लैंड के राजपरिवार ने कब्‍जा कर लिया।

*** क्‍या हुआ किले में *** यह किला कई हादसों और, घटनाओं का गवाह रहा है जिनमे से दो ऐसी घटनाएं थी, जिसे सुनकर किसी भी इंसान का दिल थम सकता है। लेडी मारगेट पॉमेराय और उसकी बहन लेडी एलेनौर पोमेरॉय दोनो ही इस किले में रहा करती थी। एलेनार, उम्र में बड़ी थी, और स्‍वभाव से घमंडी भी थी। भूत की डरावनी कहानी नई।

उस समय मारगेट के रूप की चर्चा बहुत थी, वो स्‍वभाव और अपनी खुबसुरती दोनो से ही हर दिल अजीज थी। किले में चारों तरफ उसकी तारीफ होती थी। जो कि एलेनॉर को रास नही आता था। एलेलनॉर मारगेट के रूप से बहुत जलती थी, और वो उसे बिलुकुल भी पसंद नहीं करती थी। उस समय एलेनॉर ही किले की मालकीन थी, चूकिं वो उम्र में बड़ी थी तो सभी उसके हूक्‍म की तामिर करते थे।

इसी का फायदा उठाकर उसने एक खडयंत्र रच कर मारगेट को सलांखों के पिछे डाल दिया। जेल में मारगेट को बहुत यातनाएं दी जाती थी। यहां तक की एलेनॉर ने उसका खाना पीना भी बंद करा दिया जिससे उसकी भूख से तड़पकर मौत हो गयी। इसके अलांवा एक हादसा और हुआ, जो कि मानवता की सारी हदें पार कर दिया। इस किले के बारे में एक ऐसी भी क्‍वीदंती है कि उस समय के एक प्रारंभिक नार्मन गुरू इस किले में रहा करतें थे।

जिन्‍होने इंसानियत की सारी हदें पार कर अपनी ही बेटी से अवैध संबंध स्‍थापित कर लिया था। कुछ समय बाद उस लड़की ने एक बेटे को जन्‍म दिया जिसे उस गुरू किले के एक टावर के उपर वाले कमरें में टांग दिया था, और उसे मार दिया। *** किले में दो औरतों की रूहे *** किले में दो औरतों की रूहों का बसेरा आज भी है। एक जो कि व्‍हाईट लेडी के नाम से मशहू है, और दूसरी जो कि ब्‍लू लेडी के नाम से। आज भी इस किले के दरो दिवार में उनकी चिखें कैद है। गाहें-बगाहें कभी भी इनकी सिसकीयां और चिखें लोगों को चौका देती है। भूत की डरावनी कहानी नई।

** व्‍हाईट लेडी ** किले में मारगेट टावर के नाम से एक टावर है जहां मारगेट रहा करती थी। मारगेट को उसकी बहन ने कैद की उसे भूखमरी से मार दिया था। आज भी मारगेट की रूह उस टावर को छोड नही सकी है। हमेशा शाम को मारगेट टावर पर एक नीली रौशनी दिखायी देती है। वो रौशनी कहां से आती है इसके बारें में किसी को भी कोई जानकारी नहीं है। जब आप इस किलें में प्रवेश करेंगे तो किले के बीचों बीच यह टावर स्थित है।

इस टावर के पास यदि कोई पुरूष जाता है तो मारगेट की रूह उसे धिमें धिमें अपनी तरफ आकर्षित करती है, इतना ही नहीं इस रूह का आकर्षण इतना तेज है कि लोग आप समझ भी नहीं पायेंगे और आप इसकी गिरफ्त में आ जायेंगे। यह लोगों को मारगेट टावर की तरफ खिंचती है। टावर के अंदर एक संकरी गली है, जैसे ही उस गली में कोई पुरूष मारगेट के रूह के वशीभूत होकर प्रवेश करता है उसी वक्‍त अचानक तेज चींख, और कराहने की आवाज कानों में स्‍पष्‍ट सुनायी देती है।

*** ब्‍लू लेडी *** ब्‍लू लेडी किले के किले के चारों तरफ घुमती रहती है। इसे दिन में भी महसूस किया जाता है, यहां तक की उसके सायें को आसानी से देखा जा सकता है। यह 1800 शताब्‍दी की बात है डा वाल्‍टर उस समय इस किले में चिकित्‍सक के तौर पर नियुक्‍त थे। एक दिन एक प्रबंधक की पत्‍नी किले में सिड़ीयों से गिर गयी और बुरी घायल होकर बिमार पड़ गयी।

उस समय वाल्‍टर उन्‍हे, देखने के लिए किले में पहुंचा। वाल्‍टर जैसे ही उस बिमार महिला के कक्ष में पहुंचा तो उसे कोई अजीब सी आवाज सुनायी दी। वाल्‍टर घबरा गये, और उन्‍होने आवाज जिधर से आ रही थी, उधर गौर किया। तो उन्‍हे सिड़ीयों के पास किसी साये का आभास हुआ। उन्‍होने आवाल लगायी कि कौन है वहां, वाल्‍टर के इतना कहते ही वो साया ए‍क आकार में परिवर्तित हो गयी। उसके बाद वाल्‍टर उस महिला का इलाज करने लगे। भूत की डरावनी कहानी नई।

इलाज के दौरान उस महिला ने भी उसी साये का जिक्र किया। जिसके बाद उस प्रबंधक को लगा कि उसकी पत्‍नी अब नहीं बचेगी, लेकिन वाल्‍टर ने उसे गलत बताया और कहां कि ऐसा कुछ नहीं होगा, और मै उसे ठिक कर दूंगा।

वाल्‍टर उस महिला को दवा इत्‍यादी देकर चले गये। अगले दिल उस महिला की अचानक मौत हो गयी उस समय वो महिला अपने बिस्‍तर पर नहीं थी, ब्‍लकी उसका शव उसी सीड़ी के पास पड़ा हुआ था जहां उस रूह का साया देखा गया था। आज भी वो रूह देखी जाती है, वो रूह देखने में एकदम पूरी तरह निली दिखायी देती है।

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