साहिल और आयरा स्कूल में बेंच-मेट थे और अपने तरीके से जाने से पहले सबसे अच्छे दोस्त थे। कई सालों बाद, जब साहिल उसे फिर से एक ट्रैफिक लाइट पर बेतरतीब ढंग से देखता है, तो साहिल की याद में उनकी पिछली दोस्ती फिर से ताजा हो जाती है।
उनकी कहानी धीरे-धीरे आगे बढ़ती है और चीजें धीरे-धीरे एक प्यार भरे रंग में बदल जाती हैं। लेकिन उसकी प्रफुल्लित मुस्कान के पीछे एक सच्चाई है, वह बचपन से ही छुपी हुई है और संघर्ष करती रही है।
Anyone who want to have a light hearted reading with emotions and understanding. Also, book is easy to understand because of its lucid and easily understable writing.