असली डरावनी कहानी । Top 6 Real Horror Story In Hindi

Hello everyone , today we will see Real Horror Story In Hindi, असली डरावनी कहानी , in this post.

नमस्कार दोस्तो , स्वगत है आप्का एक और नई और अनोखी असली डरावनी कहानी लेकर । आज ह्म ६ असली डरावनी कहानी आपकॊ बतानॆ ज रहे है । Real horror story in hindi | अगर आप्को भी ऎसी और रियल भूत की कहानी पद्हनी है तो अवश्य पधे ।

 असली डरावनी कहानी real horror story in hindi horror story in hindi to read
real horror story in hindi

Real horror story in hindi

इस horror story in hindi to read लेख में चित्रित कहानी, सभी नाम, पात्र और घटनाएं काल्पनिक हैं। वास्तविक व्यक्तियों (जीवित या मृत), स्थानों, इमारतों और उत्पादों के साथ कोई पहचान का इरादा नहीं है या अनुमान लगाया जाना चाहिए।

खजाने की आत्मा


हम आपको ऐसी ही एक घटना से परिचित करवाने जा रहे हैं जिसके पीछे क्या कारण है यह तो नहीं पता लेकिन गांव के लोग इसे अपने पूर्वजों की आत्मा से जुड़ा राज मान रहे हैं.गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) के पास एक छोटा सा गांव है.

इस गांव की लगभग 5 एकड़ जमीन पूरी तरह खाली पड़ी है. लेकिन उल्लेखनीय बात यह है कि यह जमीन पिछले कई दशकों से खाली पड़ी है क्योंकि यहां जो पेड़ थे वह भी या तो गिर गए या फिर कटवा दिए गए. इस जमीन पर कहा जाता है दो बड़ी-बड़ी हांडियां घूमती रहती हैं. दो हांडिया जिनका मुंह एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है और वह इस जुड़े हुए मुंह के साथ पूरी जमीन का चक्कर लगाती हैं.

जो भी उन हांडियों को पकड़ने की कोशिश करता है उसे असफलता ही हाथ लगती है. वह किसी के हाथ नहीं आतीं और कहां छिप जाती हैं यह कोई नहीं जानता.अब आप सोच रहे होंगे कि या तो यह कहानी मनगढ़ंत है या तो इसके पीछे कोई गहरा राज है. जी हां, इन हांडियों के वहां विचरण करने के पीछे एक गहरा राज है और गांव वालों के अनुसार वह राज है धन-दौलत.

गांव वालों का कहना है कि एक विशिष्ट परिवार के छिपे हुए खजाने की रक्षा करने के लिए ही यह हांडिया उस जमीन पर घूमती हैं. ऐसी मान्यता है कि अगर कोई वस्तु एक लंबे समय तक जमीन में गड़ी रहती है तो उसमें जान आ जाती है और ऐसा ही कुछ हुआ इन हांडियों के साथ.

पहले के जमाने में जब ना तो बैंक हुआ करते थे और ना ही कोई लॉकर तो परिवार के लोग अपनी धन-दौलत को जमीन में गाड़ देते थे. काफी समय तक जमीन में गड़े इस खजाने की जब किसी ने खोज खबर नहीं ली तो वह खजाना जीवित हो उठा और उस जमीन पर भ्रमण करने लगा.अब आप यह भी सोच रहे होंगे कि इतना बड़ा खजाना होने के बावजूद क्या किसी ने उन हांडियों को पकड़ने की कोशिश नहीं की?

तो इस सवाल का जवाब हम आपको देते हैं कि कोशिश तो की लेकिन वह हांडिया किसी के हाथ आने के लिए तैयार नहीं हैं. कहते हैं इन हांडियों में उस परिवार के पूर्वजों की आत्मा है और वह जिसे अपने उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार करेंगे उसे ही वह खजाना सौंपेंगे और अगर किसी ने जबरन उन हांडियों को पकड़ने की कोशिश की तो इससे जान का खतरा भी हो सकता है.

अभी तक उस परिवार की सभी पीढ़ियां इस खजाने को पाने के लिए हांडियों को काबू में करने की कोशिश कर चुकी हैं लेकिन किसी को सफलता हासिल नहीं हुई है.

गर्भवती महिला की आत्मा अस्पताल में


सिंगापुर के एक छोटे से गांव चंगी के पास स्थित एक अस्पताल जिसे चंगी अस्पताल के नाम से जाना जाता है, ऐसा ही एक स्थान है जहां भूत-प्रेतों का वास है. इस अस्पताल में जितने भी लोगों की जानें गईं आज वो एक आत्मा बनके यहां आने वाले हर इंसान को अपने पास ना आने की चेतावनी के तौर पर उन्हें डराती हैं.

अस्पताल से कब्रगाह बने चंगी अस्पताल का इतिहासइस अस्पताल का निर्माण वर्ष 1930 में सैनिकों के इलाज के उद्देश्य से करवाया गया था. उस समय यह मिलिट्री अस्पताल हुआ करता था और द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इस पर जापान का कब्जा हो गया था.

उस समय हजारों की संख्या में जापान के घायल सैनिक इस अस्पताल में लाए गए थे. लेकिन उस समय मेडिकल सुविधाएं कुछ खास उपलब्ध नहीं होती थीं इसीलिए जितने सैनिक यहां भर्ती हुए थे उनमें से ज्यादातर की मौत हो गई थी. अस्पताल में हो रही इन्हीं मौतों के कारण एक भयानक बीमारी ने अस्पताल के सभी लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था.

इस बीमारी की चपेट में आने के बाद कई नर्सों और चिकित्सकों की मौत हो गई थी और कहते हैं आज उन्हीं की आत्माएं इस अस्पताल में भटकती रहती हैं.स्थानीय लोगों के अनुसार यह जगह मनहूस है और मृत आत्माओं की ताकतों को यहां बहुत आसानी से महसूस किया जा सकता है.अस्पताल में एक नर्स के साये को अकसर देखा जाता है.

कहते हैं एक जवान का इलाज करते समय उस नर्स से कुछ गलती हो गई थी जिसकी वजह से जवान के परिजनों ने उस लड़की को खूब पीटा और उस समय वो नर्स गर्भवती थी तथा बुरी तरह जख्मी हो जाने के कारण वो नर्स वहीं तड़प-तड़प कर मर गई और वह उसी गर्भवती अवस्था में अस्पताल के चक्कर काटती है और रात के समय हर आने-जाने वाले को दिखाई देती है. असली डरावनी कहानी हिन्दी मे ।

कहते हैं इस अस्पताल के चारों ओर रूहों का जाल बिछा है, यह जाल इतना मजबूत है कि इसे पार कर पाना वाकई मुश्किल है. चौकीदार से लेकर स्टाफ तक वहां हर आत्माएं अपना वही पुराना रोल निभा रही हैं जो वह जिंदा होने पर निभाते थे.

Other horror stories:- Real Bhoot ki kahani

Best Horror Stories Book in Hindi and English :-

असली डरावनी कहानी हिन्दी मे

मरने की वजह की तलाश


वह अमेरिका की पहली ऐसी औरत थी जिसकी मौत टायफाइड की वजह से हुई थी. लेकिन वहां के लोगों को लगता है कि वह मरी नहीं बल्कि आज भी रूह बनकर उसी अस्पताल में भटकती है जहां कभी उसकी मौत हुई थी.

यही वजह है कि उसकी मौत के बाद भी लोग उसे पहचानते हैं और अमेरिका की रहने वाली मैरी मेलन को लोग टायफाइड मैरी के नाम से बेहतर जानते हैं.
मैरी को टायफाइड से ग्रसित होने के बाद एक आइलैंड पर स्थित अस्पताल में भेज दिया गया था जहां उसकी मृत्यु हो गई थी. आइलैंड पर आने वाले लोगों का कहना है कि यह स्थान श्रापित है, उन्हें यहां से लोगों के चीखने और दर्द से चिल्लाने की आवाजें आती हैं लेकिन इस स्थान पर एक परिंदा तक ‘पर’ मारने की हिम्मत नहीं करता.

उल्लेखनीय है कि टायफाइड जैसी घातक बीमारी को वर्ष 1906 में पहचान मिलने लगी थी और वर्ष 1907 में जब स्थानीय स्वास्थ्य कर्मचारी अपने रूटीन शेड्यूल के तहत घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच करने गए तो उन्होंने मैरी को पहली नजर में तो फिट ही पाया लेकिन किसी को यह समझ नहीं आया कि मैरी के शरीर में टायफाइड घर कर चुका है

और जबकि टायफाइड संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है तो मैरी से होते हुए यह बीमारी उसकी बेटी और जिस घर में मैरी रसोइये के तौर पर काम करती थी उस घर की मालकिन को भी इस बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया.इसी तरह जिस घर में मैरी काम करती थी उस घर में रहने वाले 11 लोगों में से 6 को टायफाइड हो गया और मैरी का शरीर पूरी तरह संक्रमित हो चुका था इसीलिए मैरी को एक अकेले नॉर्थ ब्रदर आइलैंड पर भेज दिया गया.

वहां उसे एक ऐसे अस्पताल में रखा गया जहां किसी भी तरह की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी और अकेलेपन और सुविधाओं के अभाव में तरस-तरस कर मैरी ने दम तोड़ दिया. आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन मैरी की वजह से और 51 लोग भी टायफाइड की चपेट में आ गए थे. इस अस्पताल में कई मौतें हुईं और सभी की वजह टायफाइड बीमारी ही थी.

वर्ष 1963 में इस अस्पताल को सिर्फ इसीलिए बंद कर दिया गया क्योंकि लोगों को यह स्थान एक भूतहा स्थान लगने लगा था. असली डरावनी कहानी हिन्दी मे ।

रात होते ही पत्थर जग जाते हैं

horror story in hindi to read, real horror story in hindi असली डरावनी कहानी हिन्दी मे
horror story in hindi to read


डेथ वैली के नाम से बहुत कम लोग परिचित होंगे क्योंकि अभी इसके बारे में सिर्फ दबी जुबान से ही चर्चाएं होती रहीं लेकिन अब इस वैली का सच शायद बाहर आ रहा है क्योंकि अभी तक ‘नासा’ जो इस वैली और यहां मौजूद पत्थरों की पहेली को सुलझाने की बात कर रहा था

वह भी अब अपने हाथ खड़े कर चुका है क्योंकि उसे भी यह समझ नहीं आ रहा कि आखिर 700 पाउंड का पत्थर एक स्थान से दूसरे स्थान तक कैसे जा सकता है जबकि वहां किसी और के होने का कोई सबूत नहीं है और ना ही वहां कुछ ऐसा है जो इतने भारी पत्थर को हिला पाने तक में सक्षम हो.

कैलिफोर्निया (अमेरिका) स्थित डेथ वैली के तैरते पत्थरों की कहानी लोग सदियों से कहते-सुनते आ रहे हैं लेकिन इन कहानियों पर किसी ने कभी यकीन नहीं किया. लोगों का कहना है कि इस वैली में स्थित पत्थर यहां तैरते हैं, वह अपने आप एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचते हैं क्योंकि इस वैली के भीतर कोई जादुई शक्ति है.लेकिन चमत्कार की अवधारणा को सिरे से नकारने वाला विज्ञान एक बार फिर इस जगह के चमत्कारी होने जैसी बातों को मनगढंत मान रहा है.

एक थ्योरी के तहत प्लेनेटरी साइंटिस्ट प्रोफेसर रॉल्फ लॉरेंज ने यह समझाने का प्रयास किया है कि किस तरह यह पत्थर एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचते हैं.

प्रोफेसर रॉल्फ का कहना है कि सर्दियों के मौसम में इस वैली के पत्थरों पर बर्फ जम जाती है और जब सर्दियों का मौसम जाते ही इन पत्थरों के ऊपर कीचड़ जम जाता है तो बर्फ छिप जाती है और बर्फ के आवरण से जमी चट्टानों को इस स्थान पर बहने वाली तेज हवा आगे की ओर धकेल देती है और देखने वाले को यह लगता है कि रेत में यह भारी भरकम पत्थर खुद तैरते हुए आगे बढ़ गए हैं, जबकि सच कुछ और ही है.

प्रोफेसर रॉल्फ का कहना है कि जब किसी चट्टान के ऊपर बर्फ की चादर चढ़ जाती है तो उस चट्टान में मौजूद तरल पदार्थों का स्तर बदलते तापमान के साथ-साथ बदलता रहता है और चट्टान आगे पीछे होने लगती है जिससे यह अभास होता है कि यह चट्टान रेत में तैर रही है.आपको यकीन नहीं होगा कि इस थ्योरी से पहले लोग इस चट्टान के बारे में बहुत कुछ बोलते थे.

कोई कहता था कि इन चट्टानों में जादुई शक्तियां हैं तो कोई इस स्थान को एलियन या तंत्र-मंत्र से श्रापित मानता था. अब आपको हो सकता है इस बात पर हंसी आए लेकिन लोग इस स्थान पर मौजूद पत्थरों को अपने घर भी ले गए थे क्योंकि वह इन्हें चमत्कारी मानते थे. प्रोफेसर रॉल्फ के इस स्थान के रहस्य को साफ कर देने के बाद भी लोग इस स्थान पर एलियन और तंत्र विद्या की मौजूदगी को सही मानते हैं. असली डरावनी कहानी हिन्दी मे ।

शिमला की भुतिया कहानी

अपनी बेपनाह खूबसूरती और प्रकृति के साथ करीबी के लिए मशहूर शिमला शहर हर रात एक ऐसी खौफनाक घटना का गवाह बनता है जिससे बच पाना कभी कभार मुश्किल जान पड़ने लगता है.

शिमला के निवासियों को तो अब ऐसे माहौल में रहने की आदत पड़ गई है. वह जब भी रात के समय घर से बाहर निकलते हैं तो उन्हें यही लगता है कि ना जाने अब उनके साथ क्या होगा. शिमला में ऐसे बहुत से स्थान हैं जहां पारलौकिक ताकतों के होने का एहसास होता है, जहां हर रोज कुछ ना कुछ भयानक घटता ही है. यहां एक नहीं कई भूतहा स्थान हैं जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.

Also Read:- Real horror story in hindi

शिमला का इन्दिरा मेडिकल अस्पतालहिमाचल का सबसे बड़ा अस्पताल इन्दिरा मेडिकल अस्पताल शिमला में स्थित है लेकिन लोगों के बीच इस अस्पताल का इतना खौफ है कि उनका मानना है कि जो लोग इस अस्पताल से अपना इलाज करवाकर वापस आते हैं तो जल्द ही उनकी मृत्यु हो जाती है.

लोगों का मानना है कि ठीक होकर वापस आने के बाद भी हर सप्ताह किसी ना किसी व्यक्ति की मृत्यु हो ही जाती है. ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों की मौत इस अस्पताल में हुई थी उनकी रूहें आज भी इसी अस्पताल के अंदर डेरा जमाए हुए हैं, जिनकी काली छाया उस अस्पताल के मरीजों पर पड़ती है.

इस अस्पताल को श्रापित माना जाता है और यहां जितने भी लोग अपना इलाज करवाने आते हैं उन्हें हर समय किसी ना किसी के अपने आसपास होने का एहसास होता है जबकि वहां कोई दूसरा नहीं होता. शिमला के लोगों को अब यह यकीन हो चला है कि यहां कुछ ना कुछ ऐसा जरूर है जो सही नहीं है.

लोगों ने यहां अजीबोगरीब आवाजों को सुना है जो व्यक्तियों को उनके नाम से पुकारती हैं तो कभी कोई उन्हें धक्का देता है, सीढ़ियों के बीच उनका रास्ता रोक लेता है. लिफ्ट का फंसना और अचानक चलने लगना और साथ ही तीखी आवाजों में किसी का चीखना आदि जैसी घटनाएं अब आम हो चुकी हैं.शिमला का कॉंवेंट ऑफ जीसेस एंड मैरी स्कूलइस स्कूल को हॉंटेड माना जाता है.

ऐसा कहा जाता है कि इस स्कूल के लिए 13 तारीख का शुक्रवार मौत का पैगाम लेकर आता है. कहते हैं ब्रिटिश काल में यह स्थान एक अनाथालय हुआ करता था और रात के समय जब सब बच्चे सो रहे थे तो किसी ने उनके कमरे में आग लगा दी थी. इस घटना के बाद से लेकर अब तक वहां जली हुई रूहों को देखा जाता है.

हालांकि अब उन बच्चों की आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए उस स्थान पर बच्चों के लिए झूले और अन्य जरूरी सामान रखा गया है लेकिन फिर भी कहा जाता है यहां एक लड़की जली हुई अवस्था में अध्यापकों और चपरासियों से गुड़िया और खिलौनों की मांग करती है. असली डरावनी कहानी हिन्दी मे ।

भोपाल की डरावनी कहानी

कभी यह स्थान बहुत खूबसूरत हुआ करता था लेकिन आज इसे शैतानी रूहों ने अपने कब्जे में ले लिया है. यह आत्माएं इतनी खतरनाक और दुष्ट हैं कि दिन ढलते ही जो भी व्यक्ति अपनी मौजूदगी यहां दर्ज करवाता है उसे वह अपना शिकार बना लेती हैं.बहुत से लोग हैं जिन्हें आत्माओं, पारलौकिक शक्तियों और शैतानी ताकतों जैसी किसी भी चीज पर विश्वास नहीं होता, वह ऐसी बातों को मनगढंत मानकर झुठला देते हैं

लेकिन यह भी सच है कि किसी के झुठलाने से या टाल देने से सच नहीं बदलता.भोपाल के शिवपुरी में स्थित 2100 साल पुराना किला एक जमाने पहले बेहद खुशनुमा हुआ करता था. लेकिन अब यहां रात तो क्या दिन में कोई आने का साहस नहीं करता. लोगों का कहना है कि यहां रात के समय घुंघुरुओं की आवाजें आती हैं जो दूर-दूर तक लोगों को सुनाई देती हैं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि दिन ढलते ही यहां महफिल जमती है जिसमें प्रेत-आत्माएं शामिल होती हैं और जिन-जिन लोगों ने उस महफिल को देखा उनकी तुरंत ही मौत हो गई.भोपाल के शिवपुरी में एक छोटा सा कस्बा है पोहरी, जहां यह किला स्थित है.

इस स्थान के बारे में कोई नहीं जानता लेकिन जब से मीडिया में यहां होने वाली संदेहास्पद घटनाओं को प्रचारित किया गया है तभी से लोगों को यह समझ आने लगा है कि यहां कुछ ना कुछ गड़बड़ जरूर है.वे लोग जो भूत-प्रेत और आत्माओं के होने जैसी बातों पर यकीन नहीं करते अब तो वो भी इस किले को श्रापित समझने लगे हैं.

इस स्थान की अपनी तो कोई पहचान नहीं है लेकिन जब से इस किले के भूतहा होने की बात सामने आई है तब से लोग पोहरी को पहचानने लगे हैं. पहले इस किले में दिन में स्कूल भी चला करता था लेकिन जब बच्चों ने वहां कुछ अजीबोगरीब हरकतें महसूस की तो वहां स्कूल लगना भी बंद हो गया है.

यह किला वीर खांडेराव का है और लोगों का कहना है कि यहां जो महफिल जमती है वह वीर खांडेराव की सभा है. वही रात के समय अपनी नर्तकियों के साथ महफिल जमाते हैं. यहां रात को आत्माएं पूरे किले को अपने कब्जे में ले लेती हैं और घनी झाड़ियों के बीच घिरे इस जंगल में अगर गलती से भी कोई रात के समय रुक गया तो उसका हश्र अच्छा नहीं होता. असली डरावनी कहानी हिन्दी मे ।

स्थानीय लोगों का तो यह भी कहना है कि 2100 वर्ष पुराने इस किले में वीर खांडेराव का डेरा था लेकिन उनकी मृत्यु के बाद यहां कोई परिवार कभी टिक नहीं पाया. कहते हैं एक परिवार ने यहां रहने का साहस किया तो पहले ही दिन घर की महिलाएं अजीबोगरीब हरकतें करने लगीं. उन्हें तंत्रविद्या से ठीक करवाया गया. कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि इस किले के भीतर खजाना छिपा है जिसकी रक्षा यहां भटकने वाली भूत-प्रेत करती हैं. लेकिन सच क्या है इसका पता लगाने की किसी की हिम्मत नहीं है.

आशा करता हू कि आप्को यह असली डरावनी कहानी हिन्दी मे पसन्द आयी होगी अगर हा , तो अप्ने दोस्तो उर परिवर के साथ शेयर जरुर किजिय्ए ।

Must Read Stories –

I hope you all liked all real horror story in hindi , if yes please share with your friends and family. For more such horror story in hindi to read bookmark our website.